शिक्षक दिवस
जेईसीआरसी विश्वविद्यालय
एक दशक की यात्राः विकास के सोपान
विश्वविद्यालय निर्माण एक लम्बी यात्रा है
साधना, दूरदृष्टि, विकास और ज्ञान की
जो ज्ञान साधना से ग्रहण किया
उसे संजोना है, संवारना है और तराशना है
जो प्रप्राप्य रह गया उसे प्राप्त करना है
यही प्रक्रिया है विश्वविद्यालय निर्माण की
धरती से गगन तक
फर्श से अर्श पर जड़ से शिखर तक
अनवरत प्रवाह से
सरिता की तरह बहती
एक निरन्तर विकास प्रक्रिया
ज्ञान के गलियारों से गुजरते हुए
जेआईसी की वर्तुलाकार सीढ़ियां चढ़ते हुऐ
मेकर्स स्पेस में जोड़-तोड़ से सृजन करते हुए
प्लेसमेन्ट सेल और सीआरटी भिड़ते हुऐ
रिसर्च में स्कोपस का विस्तार करते हुए
अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय सम्मेलनों का चित्रपुट बुनते हुऐ
IASTE, IPR और Alumini Cell से जुड़ते हुए
फ्रूटफुल जयपुर का आगाज करते हुए
जरूरत अभ्यूदय की रिद्म बजाते हुए
सामाजिक सरोकारो को निभाते हुऐ,
डिजिटल व्यूहरचना बनाते हुऐ
सतत गतिशील फिर भी समाधिष्ठ
सतत आत्मलीन सा
यह JECRC विश्वविद्यालय
पार कर आया है दस मील के पत्थरों को
स्थापित किये है कई कीर्तीमान
विकास के, ज्ञान के, प्लेसमेन्ट के,
शोध के, स्टार्ट अप के संवादों के
सोपान दर सोपान
इसके मेहनत से उभरे पसीने के निशां
मरूधरा के टीलों पर स्वर्णान्कित नजर आते हैं।
कुलाधिपति खाटूवाला परिवार से लेकर कुलपति तक
कुलसचिव से लेकर कुलानुशासक तक
संकाय अधिष्ठाताओं से लेकर प्राध्यापकों तक
ज्ञान पिपासुओं का वैविध्य लिए यह विश्वविद्यालय
संस्कृति, सहयोग और स्नेह की विरासत लिये
एक बेजोड़ नमूना है।
समय की गति से तेज दौड़ती
इस संस्था की विरासत को
मेरा शत् शत् नमन!
कोटि कोटि अभिनंदन!
प्रोफेसर एन. डी. माथुर
अधिष्ठाता
जयपुर स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स
एवं मानविकी एवं सामाजिक शास्त्र स्कूल
जेईसीआरसी विश्वविद्यालय जयपुर