मैं एक फौजी हूं।
एक फौजी जिसके लिए मां का दिल तोड़कर मां की रक्षा करना ज़रूरी है,
एक फौजी जिसके लिए बाप का सहारा बनने से ज़्यादा अपना देश बचाना ज़रूरी है,
वो फौजी जिसने अपने छोटे भाई को वापस लौटने के भ्रम में रखा है और अपनी बहन की शादी में नाचने का झूठा वादा किया है।
मैं वो फौजी हूं जिसके लिए ये देश जान से प्यारा है
मगर कभी सोचता हूं,
इस देश के अंदर ही एक जंग है छिड़ी ।
हर वासी की अपनी अलग एक जात है, अपना अलग एक धर्म है।
इस देश को बचाने का क्या फायदा जब ये देश एक होना ही नहीं चाहता ।
मगर, मैं तो बस एक फौजी हूं
ना हिन्दू ना ईसाई ना मुसलमान ना सिख,
हूं तो बस भारतीय और ये मातृभूमि ही मेरा धर्म है।
-निशांत भारतीय
Awesome bro
ReplyDeleteThank you
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