नन्हें कदम
बड़ी सी आंखें,
और उनमें ढेर सारा
प्यार।
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छोटे-छोटे पैर,
और उनमे तेज़
रफ़्तार।
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चलो भई चलो
सुनते ही,
उठ के घूमने को हमेशा
तैयार।
चेहरे पर मासूमियत,
और शरारत भरे काम।
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जिगर का टुकड़ा,
और सबकी मुस्कुराहट का राज।
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नन्हीं सी
हाथों में थामे आइ,
कुछ महीनो में ही बन गई घर की जान।
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कुछ सालों में चली जाओगी तुम दूर
घर ये तुम्हारा हो जाएगा सूना
मन भी होगा उदास
फिर रह जाएंगी तुम्हारी याद।
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नए लोगों में भूल न जाना
जिन्होंने हमेशा तुम्हारा कहा माना।
तुम नहीं सिर्फ हमारी जान
बेटी तुमसे ही ही हमारी आन बान और शान।
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- रिधिका दयाल दास
WoW Riddhika
ReplyDeleteBeautiful ❤❤
Thank uou
DeleteItssss fabulous ridhika di....
ReplyDeleteWell penned ❤️✨
ReplyDelete😇😇
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