Monday, 19 July 2021

नन्हे कदम

नन्हें कदम
बड़ी सी आंखें,
और उनमें ढेर सारा 
प्यार। 
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छोटे-छोटे पैर,
और उनमे तेज़ 
रफ़्तार। 
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चलो भई चलो
 सुनते ही,
 उठ के घूमने को हमेशा
 तैयार।
चेहरे पर मासूमियत,
और शरारत भरे काम। 
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जिगर का टुकड़ा,
और सबकी मुस्कुराहट का राज। 
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नन्हीं सी
 हाथों में थामे आइ,
 कुछ महीनो में ही बन गई घर की जान।  
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कुछ सालों में चली जाओगी तुम दूर
घर ये तुम्हारा हो जाएगा सूना
मन भी होगा उदास 
फिर रह जाएंगी तुम्हारी याद।
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नए लोगों में भूल न जाना
जिन्होंने हमेशा तुम्हारा कहा माना।
तुम नहीं सिर्फ हमारी जान
बेटी तुमसे ही ही हमारी आन बान और शान।
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- रिधिका दयाल दास 


 

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