घर को हर रोज़ करती है रोशन जो
सुबह की पहली किरण सी है वो
आंगन की चिड़िया के जैसी है
खुशियां चहकाती है वो
पिता का सम्मान है वो
मां का अभिमान है वो
मगर ना जाने क्या कसूर था उसका
जो पैदा होने से पहले मारी जाती है वो
कभी कचरे में फेका,
तो कभी अनाथयाले में छोड़ा
जिसकी किलकारी से गूंजता यह घर सारा
उसे तुमने बेमौत कोख में मारा
क्या बोझ बनती, जो पराया धन थी तेरा
देवी के रूप में जन्मी थी वो जो कर्ज़ चूकाती तेरा
भाग्य से नहीं सौभाग्य से होती है वो
तेरी पीढ़ी को ना सही मगर पूरे कुल को आगे बढ़ती वो।
-Richa Nigam
Nice 👍😊
ReplyDeleteThanks😊
DeleteWell Written Richa !
ReplyDeleteThank u😊
DeleteAmazing lines 💫
ReplyDeleteThank you for reading😊
DeleteIts so beautiful🥺❣️
ReplyDeleteThank you😊
DeleteBeautifully written
ReplyDeleteThank you😊
DeleteTrue❤️
ReplyDelete💯😊
DeleteDamn true 👏👍👍
ReplyDelete💯😊
DeleteSo well written bro.. 👍
ReplyDeleteKeep up the good work
ReplyDeleteSure. 😊
DeleteSuch a beautiful thing. I love it 😍❤️ Keep going and posting such lovely one.
ReplyDeleteWith your support we surely will😊
Delete👌👌👌
ReplyDeleteYou rock nandini
ReplyDeleteNM. Thanks.😊
DeleteYou rock nandini
ReplyDeletegood job dost...❤️
ReplyDeleteThank u😊
DeleteNice🔥
ReplyDeleteAmazing didi ��
ReplyDeleteVery good beta
ReplyDeleteThank you😊
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