Sunday, 31 January 2021

जलता है आम आदमी !

आम आदमी है जी, संघर्ष जारी रखता है
सपनों की इस खुली हवा में रोज़ उड़ाने भरता है,
ना रुकता है ना थकता है बस आगे आगे बढ़ता है
आम आदमी है जी, संघर्ष जारी रखता है !

पैसों की जो तंगी हो तो लोन पर ये चलता है,
छुपाकर अपनी गरीबी अमीर यह बनता है,
कोई ना सोचे इसके बारे ये भी वैसी जनता है,
भूख प्यास लेकर भी चुपचाप ये पलता है
आम आदमी है जी, संघर्ष जारी रखता है !

छोटे हो या बड़े, सारे काम ये करता है,
एक दिन मालिक बनने की उम्मीद में बाजारों में थकता है,
मजबूरी में मजदूरी के काम में भी लगता है,
ऊंचा है जो स्वाभिमान कहीं नहीं वो झुकता है
आम आदमी है जी, संघर्ष जारी रखता है !

नींव देखो घर की इसकी लोन पर है खड़ी हुई,
टीवी, फ्रिज और बाइक की किश्ते सारी भरी हुई,
सपनो की एक छोटी डिबिया कोने में है रखी हुई,
फिर भी एक छोटी सी कुटिया महल जैसे सजी हुई !

पसीने से ही उगता इसका सूरज पसीने से ही ढलता है ,
खरा सोना बनने को रोज़ सूरज जैसा जलता है
आम आदमी है जी, संघर्ष जारी रखता है !

- यश शक्तावत
Photo: IG| k_a_f_k_a

7 comments:

  1. बेहतरीन यश।
    बहुत खूब लिखा है।
    आम आदमी की रोजमर्रा की परेशानियों को हूबहू उतार दिया।❤❤

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  2. Iska Naam hai yash shaktawat, or
    Ye kaafi accha likhta hai
    .
    .
    Well done 👏🌟

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  3. 👏👏👌👌 itni bdi majboori ko bss kuch lafazon ne sawar diya.... Duniya k saamne bdi khubsurati se utaar diya.... 😇

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  4. Very nice Yash 👍🏻👏🏻 keep up the good work 😊

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